छत्तीसगढ़ की जीवन रेखा या गंगा कहलाने वाली महानदी, छत्तीसगढ़ और ओडिशा में बहने वाली एक प्रमुख नदी है। महानदी का उद्गम छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले में सिहावा पर्वत श्रेणी से होता है। जो कटक (उड़ीसा) के निकट बंगाल कि खाड़ी में जाकर मिलती है, महानदी की कुल लंबाई 900 किलोमीटर है और यह छत्तीसगढ़ में 286 किलोमीटर बहती है।
छत्तीसगढ़ की जीवन रेखा – Lifeline of Chhattisgarh
धान का कटोरा” कहलाने वाला छत्तीसगढ़ प्राकृतिक संसाधन से भरपूर है। प्रदेश में सिंचाई, जलविद्युत शक्ति, उद्योग व पेयजल आदि का आधार यहाँ की नदियाँ हैं। महानदी छत्तीसगढ़ के लिए एक महत्वपूर्ण जल स्रोत है। ये सिंचाई, जल, विद्युत, पेयजल और मत्स्य पालन के लिए उपयोग की जाती है। wikipedia
भारत का सबसे लंबा बांध – India’s longest dam
महानदी पर कई बांध बनाए गए हैं, जिनमें रुद्री, गंगरेल और भारत का सबसे लंबा बाँध हीराकुण्ड बाँध भी शामिल है।
तटवर्ती नगर – coastal town
महानदी के तट पर कई प्राचीन मंदिर और धार्मिक स्थल है। जैसे – धमतरी, कांकेर, संबलपुर(उड़ीसा), कटक, चंद्ररपुर, सिरपुर, चंपारण, आरंग, पलारी है इनके अलवा राजिम के मंदिर, शिवरीनारायण मंदिर भी शामिल हैं। इस लिए इसे छत्तीसगढ़ की गंगा कहते है।
महानदी का प्राचीन नाम – ancient name of Mahanadi
प्रतेयक युग में महानदी के अनेक नामकरण किये गए है जो निम्न है-
प्राचीन नाम | कनकनंदिनी |
सतयुग | नीलोत्पला (वायु पुराण में) |
त्रेतायुग | महानंदा (श्रृंगी ऋषि की प्रिय शिष्या महानंदा के नाम पर) |
द्वापर युग | चित्रोत्पला (स्कंद, मत्स्य एवं ब्रम्ह पुराण में) |
वर्तमान | महानदी |
महानदी की प्रमुख सहायक नदियां – Major tributaries of Mahanadi
- पैरी
- सोंढूर
- शिवनाथ
- हसदेव
- अरपा
- झोंक
प्रवाह क्षेत्र – flow field
महानदी छत्तीसगढ़ के 9 जिलो से होकर बहती हुई निकलती है जो निम्न है-
- धमतरी
- कांकेर
- बालोद
- रायपुर
- गरियाबंद
- महासमुंद
- बलौदाबाजार
- जांजगीर – चांपा
- रायगढ़
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